शब्दों के बड़े मायने है ,
रोते हुए को हँसा सकते है , और
हँसते हुए को रुला सकते है ,
एक बुझा दीप जला सकते है , और
जलते हुए को बुझा सकते है ।
शब्दों के बड़े मायने है ।
कभी तो एक तीर की तरह
गहरा घाव दे जाते है , और
कभी जलते हुए घाव को
ठंडक पहुँचाते है ।
कभी अपनों के बीच हम
पराए हो जाते है , और
कभी पराए हमारे खुद
अपनें बन जाते है ।
शब्दों के बड़े मायने है ।
कभी उषा की किरणों की भांति
जग को उजियारा देते है , और
कभी अमावस की काली रात बन
सारा उजाला हर लेते है ।
कभी मीठे घाट का पानी बन
प्यास सबकी बुझाते है , और
कभी अपने प्रचंड ताप से
कंठ सबकी सुखाते है ।
शब्दों के बड़े मायने है ।
यदि उजाला फैला ना सको तो
दूत अँधेरे का मत बनना ,
यदि मुस्कान किसी का बन ना सको तो
आँसू बन किसी का मत बहना ।
शब्द हमारे बस में हो ना कि
हम उनके बस में हो जाए ,
शब्दों के जाल में उलझकर
कहीं हमारी ज़िन्दगी ना खो जाए ।
शब्दों के बड़े मायने है ।
निशांत चौबे ‘अज्ञानी’
०५.०१.२०१८